Aadhar Card: ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए ऐसे सुरक्षित हो सकते हैं आप, ठगों के इरादे कर सकते हैं नाकाम
भारत में आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) का उपयोग कर साइबर धोखाधड़ी के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ख़ासतौर पर ए, बी और सी श्रेणी के शहरों में लोग अपनी मेहनत की कमाई खो रहे हैं. यह आपकी सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है, और आपको अपने आधार कार्ड का सही तरीके से उपयोग करने की आवश्यकता हो सकती है। आधार कार्ड आजकल भारतीयों का प्रमुख पहचान पत्र बन गया है। इसके साथ ही अब ये ‘धोखेबाजों’ के लिए लोगों को धोखा देने का प्राथमिक हथियार भी बन गया है।
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आधार कार्ड के मामले में क्या करें और क्या न करें, ये सवाल कई लोगों के मन आता है। इस आर्टिकल में हम आपको इस बढ़ते हुए साइबर धोखाधड़ी के खतरों से बचने के उपायों के बारे में जानकारी देंगे।
बेंगलुरु में बढ़ते मामले:
बेंगलुरु के मामलों में बिहार के दो लोगों, मोहम्मद परवेज़ एज़दानी और अबुज़र शमीम अख़्तर को गिरफ़्तार किया गया है। इन दोनों ने ओटीपी के लिए फ़ोनकॉल या टेक्स्ट मैसेज के जरिए लोगों से किसी भी तरह का संपर्क नहीं किया, लेकिन फिर भी लोगों को धोखाधड़ी का पता चलता है जब बैंक एक संदेश भेजता है कि आपके खाते से पैसे निकाल लिए गए हैं।
ऐसे केस की कार्यप्रणाली वही है जो पहली बार 2018 में हैदराबाद में देखी गई थी, जब मोबाइल का सिम कार्ड बेचने वाले एक दुकानदार ने लोगों को धोखा देने के लिए उंगलियों के निशान और मोबाइल नंबरों की नकल की थी।
बेंगलुरु मामले में, पीड़ितों ने किसी न किसी समय संपत्तियों की बिक्री या खरीद का रिजस्ट्रेशन कराने के लिए उप-रजिस्ट्रार कार्यालय का दौरा किया था, और उनके दस्तावेज़ के पंजीकरण का मतलब है कि स्टाम्प और पंजीकरण विभाग के पोर्टल कावेरी 2.0 पर अपलोड होते ही वे सार्वजनिक दस्तावेज़ बन गए। आरोपियों ने दस्तावेज़ डाउनलोड किया और पीड़ितों को धोखा देने के लिए उनके आधार नंबर और बायोमेट्रिक विवरण का उपयोग किया।
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बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर बी दयानंद ने बताया, ”हमें अभी भी इन 116 मामलों में धोखाधड़ी की गई कुल रकम की गणना करना बाकी है. हम अभी भी जांच कर रहे हैं.”
आधार से जुड़े अधिकारियों की सलाह पर स्टांप और पंजीकरण विभाग की महानिरीक्षक ममता गौड़ा ने नए निर्देश जारी किए हैं।
उन्होंने बताया, ”यदि नागरिक आधार कार्ड का उपयोग करना चाहते हैं, तो उन्हें कार्ड पर मौजूद संख्याओं के केवल अंतिम चार अंकों का ही उपयोग करना होगा. वे अन्य आईडी का भी उपयोग कर सकते हैं, जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, वोटर कार्ड आदि। अब से पंजीकृत दस्तावेज़ का केवल पहला पेज ही कावेरी 2.0 पर दिखाई देगा.”
आधार की सुरक्षा पर सवाल
आधार कार्ड भारत में जनता के लिए एक महत्वपूर्ण पहचान प्रमाण पत्र बन गया है। यह कार्ड न केवल एक व्यक्ति की पहचान के रूप में काम आता है, बल्कि यह उनके वित्तीय लेन-देन को भी सुरक्षित रखने में मदद करता है। लेकिन हाल के कुछ घटनाओं ने आधार की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं, जिनमें डेटाबेस की सुरक्षा और कार्ड के उपयोग पर सवाल उठे हैं।
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कई लोग आधार कार्ड को बस ‘बलि का बकरा’ मान सकते हैं, लेकिन इसके पीछे कोई बड़ा गिरोह भी हो सकता है। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ शशिधर सीएन ने बताया कि यह सवाल देश के सीबीआई के पास जाने लायक है, क्योंकि यह अन्य सारे मामलों के समान है।
यह समस्या केवल सरकारी विभागों या एजेंसियों से ही सीमित नहीं है। निजी कंपनियां भी आधार के माध्यम से संवेदनशील और महत्वपूर्ण डेटा को जमा कर रही हैं। उनमें से कुछ अभी भी अपने डायरेक्ट विक्रेताओं और ग्राहकों का व्यक्तिगत डेटा भारत के बाहर स्थित सर्वर पर संग्रहित कर रही हैं।
इसके खिलाफ कई साक्षरता योजनाएं चल रही हैं, जो यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि यह डेटा संरक्षित रहे। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000, डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम 2023, उपभोक्ता संरक्षण (प्रत्यक्ष बिक्री) नियम 2021 और उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम 2020 जैसे नियमों का पालन करना होता है। इसका मतलब है कि यह कंपनियों को अपने सर्वरों पर सुरक्षित और संरक्षित डेटा जमा करने की जिम्मेदारी है।
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हालांकि, कई डायरेक्ट सेलिंग कंपनियां अभी भी व्यक्तिगत डेटा को भारत के बाहर स्थित सर्वर पर संग्रहित कर रही हैं, जो ग्राहकों के पंजीकरण और उनके ऑर्डर करने के दौरान जमा किया जाता है। इसका मतलब है कि आपके व्यक्तिगत जानकारी को बाहर के सर्वर पर संग्रहित करने की संभावना है, जिससे आपकी गोपनीयता का खतरा हो सकता है।
इस परिस्थिति में, लोगों को अपने आधार के विकल्पों का सही तरीके से उपयोग करने की आवश्यकता है। यहाँ पर कुछ सुरक्षा उपाय दिए गए हैं, जो लोगों को अपने आधार को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं।
1. आधार को लॉक और अनलॉक करें: आधार कार्ड को ब्लॉक और अनलॉक करने की सुविधा उपलब्ध है। यह आपके डेटा की सुरक्षा को बढ़ावा देने में मदद करता है। आप अपने कार्ड को ब्लॉक कर सकते हैं जब आपको इसकी जरूरत नहीं होती, और जब आपको इसकी आवश्यकता होती है, तो आप उसे अनलॉक कर सकते हैं।
2. सतर्क रहें: जब भी आप आधार कार्ड का उपयोग करते हैं, सतर्क रहें। किसी भी अजनबी वेबसाइट पर क्लिक करने से पहले ध्यानपूर्वक जांच करें और सुनिश्चित करें कि यह सुरक्षित है।
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3. सदस्य और विशेषज्ञ से सहायता लें: आधार के साथ संबंधित समस्याओं की समाधान के लिए सदस्यता योजनाएं और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों की मदद लें।
आधार कार्ड आपकी पहचान का हिस्सा हो सकता है, लेकिन यह आपके व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखने में आपकी जिम्मेदारी भी है। इसके साथ सतर्क रहकर और सुरक्षित उपयोग करके हम सभी अपनी गोपनीयता को सुरक्षित रख सकते हैं।
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