सेल्फ-एंप्लॉयड लोगों को बैंक ऐसे देते हैं होम लोन, जानिए ये 5 तरीके जिसके द्वारा बैंक चेक करता है उनकी योग्यता

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सेल्फ-एंप्लॉयड लोगों को बैंक ऐसे देते हैं होम लोन, जानिए ये 5 तरीके जिसके द्वारा बैंक चेक करता है उनकी योग्यता


घर की खरीददारी या घर बनाने की इच्छा सभी की होती है, लेकिन इसका मामूला समय-समय पर कठिनाइयों का सामना करता है। इसमें खासकर मध्यम वर्ग के लोगों के लिए जमा पूंजी की बड़ी आवश्यकता होती है, और फिर भी पैसे की कमी का सामना करना पड़ता है। इस समस्या का समाधान होम लोन के रूप में हो सकता है, और यह एक सशक्त आवास की तरफ एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। इस लेख में, हम जानेंगे कि सेल्फ-एंप्लॉयड लोगों को बैंक कैसे होम लोन देते हैं और उनकी योग्यता कैसे चेक की जाती है।

सेल्फ-एंप्लॉयड लोगों को बैंक ऐसे देते हैं होम लोन, जानिए ये 5 तरीके जिसके द्वारा बैंक चेक करता है उनकी योग्यता
सेल्फ-एंप्लॉयड लोगों को बैंक ऐसे देते हैं होम लोन, जानिए ये 5 तरीके जिसके द्वारा बैंक चेक करता है उनकी योग्यता

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1. उम्र का महत्व:
होम लोन के दर में उम्र एक महत्वपूर्ण कारक होता है। सेल्फ-एंप्लॉयड लोगों को लोन देते समय भी उम्र को महत्वपूर्ण देखा जाता है। उम्र कम होने पर एक व्यक्ति को अधिक होम लोन की स्वीकृति मिल सकती है और वह लोन को देर तक चुका सकता है। यह सेल्फ-एंप्लॉयड व्यक्तियों को उनके वित्तीय स्थिति को सुधारने का मौका भी देता है।

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2. जरूरी दस्तावेज:
बैंक द्वारा होम लोन की मंजूरी देने से पहले, आवेदक से कई जरूरी दस्तावेज लिए जाते हैं, जिनके आधार पर बैंक उनकी वित्तीय स्थिति की जांच करता है। इन दस्तावेजों में इनकम टैक्स रिटर्न, प्रॉफिट-लॉस स्टेटमेंट, बैलेंस शीट, बैंक स्टेटमेंट शामिल होते हैं। इन दस्तावेजों से बैंक को यह समझने में मदद मिलती है कि उस व्यक्ति की वित्तीय स्थिति कैसी है और कैसे वह लोन की वसूली करेगा।

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3. नेट इनकम का महत्व:
सेल्फ-एंप्लॉयड व्यक्तियों की नेट इनकम होम लोन के लिए महत्वपूर्ण होती है। बैंक को यह जानने में मदद मिलती है कि व्यक्ति के पास महिने के कितने रुपये आते हैं। नेट इनकम के आधार पर बैंक लोन की मान्यता देता है, और इससे यह भी पता चलता है कि व्यक्ति लोन की ईएमआई को समय पर चुका सकेगा या नहीं।

4. क्रेडिट स्कोर का प्रमाण:
बैंक होम लोन की मंजूरी देने से पहले आवेदक का क्रेडिट स्कोर भी जांचता है। यह समझने में मदद मिलती है कि व्यक्ति क्रेडिट के साथ कैसा व्यवहार करता है, यानी वह लोन का भुगतान समय पर करता है या नहीं। अगर सेल्फ-एंप्लॉयड व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो वह आसानी से होम लोन प्राप्त कर सकता है, लेकिन अगर स्कोर खराब है, तो लोन प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है।

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5. दूसरे सोर्स से कमाई:
बैंक यह भी देखता है कि सेल्फ-एंप्लॉयड व्यक्तियों की किसी दूसरे सोर्स से कमाई हो रही है या वे सिर्फ अपने व्यवसाय पर ही निर्भर हैं। इससे यह पता चलता है कि कमाई रेंटल इनकम, निवेश, या जमीन-जायदाद से हो रही है। यदि व्यक्ति की दूसरे सोर्स से भी कमाई हो रही है, तो इससे होम लोन प्राप्त करने की संभावना बढ़ जाती है।

समापन:
इन पांच तरीकों का पालन करके, सेल्फ-एंप्लॉयड व्यक्तियाँ भी बैंक से होम लोन प्राप्त कर सकती हैं और अपने सपने के घर की ओर कदम बढ़ा सकती हैं। बैंक द्वारा दिए जाने वाले होम लोन की मंजूरी मिलने से पहले, ये पांच महत्वपूर्ण तत्व उनकी योग्यता की मूल स्थापना करते हैं।

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