India-Hamas News: भारत के लिए हमास को आतंकवादी घोषित करना है जटिल, जानिए क्यों
हमास (Hamas) एक फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन है जिसकी स्थापना 1987 में की गई थी। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य इस्राइल के खिलाफ लड़ाई और फिलिस्तीन में खुदाई प्राधिकृत करना है, और इसके लिए विभिन्न प्रकार की आतंकवादी क्रियाओं का सहारा लिया गया है। हमास के बारे में बात करते समय, इसका रूख किस तरह से भारत के सुरक्षा परिप्रेक्ष्य में है, यह एक जटिल प्रश्न होता है।
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हमास का संबंध भारत से
हमास के इस्राइल के प्रति आतंकवादी कार्रवाई का भी भारत से कुछ संबंध है। भारत ने पहले हमास को आतंकवादी संगठन मानकर उसके सभी गतिविधियों को प्रतिबंधित किया था। हालांकि, वर्ष 2020 में भारत ने इसका स्थितिकरण बदल दिया और इसराइल के खिलाफ हमास की सरकार को “स्वराज्य” (सामरिक संरक्षण) के तहत मान्यता दी। यह निर्णय भारत के विदेश संबंधों में बदलाव की एक प्रमुख प्रक्रिया थी।
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हमास के प्रमुख उद्देश्य
हमास का मुख्य उद्देश्य फिलिस्तीन में एक अलग सरकार बनाना है और इस्राइल को वहाँ से बाहर करना है। इसके लिए, हमास ने विभिन्न आतंकवादी क्रियाओं का सहारा लिया है, जैसे कि आतंकवादी हमले, बम ब्लास्ट, और रॉकेट हमले। इसके परिणामस्वरूप, हमास को आतंकवादी संगठन के रूप में देखा जाता है जो क्षेत्रीय और आंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा करता है।
भारत के लिए हमास का जटिल मुद्दा
हमास के संबंध में भारत का स्थान प्रशंसा और विरोध दोनों की ओर से आया है। कुछ लोग भारत के हमास के साथ बदले रूख को गलत मानते हैं, क्योंकि वे मानते हैं कि यह फिलिस्तीनी लोगों के स्वतंत्रता संघर्ष का हिस्सा है। वहीं, दूसरी ओर से, कुछ लोग इसे इस्राइल के साथ भारत की दोस्ती को प्रभावित करने का स्रोत मानते हैं।
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भारत के लिए हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करना एक जटिल और संवादात्मक मुद्दा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत को इस संगठन के साथ उसके विचारों के बीच संतुलन बनाने की कठिनाइयों का सामना करना होगा। भारत की विदेशनीति में हमास के साथ संबंधों के संविदानिक और रणनीतिक स्तर पर परिवर्तन की संभावना रहती है, और इसे सावधानीपूर्वक देखना होगा।
निष्कर्ष
हमास को भारत के लिए आतंकवादी संगठन घोषित करना एक जटिल मुद्दा है, जिसके साथ भारत को उसके संबंधों के प्रति सतर्क रहना होगा। भारत की विदेशनीति और सुरक्षा के प्रति हमास के प्रति उसके उद्देश्यों और मूल्यों के साथ मेल खाने का संवाद और समझौता दोनों की ओर से महत्वपूर्ण है।
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