Visa News: इकॉनमी बढ़ाने के लिए थाईलैंड सरकार ने फैसला किया कि भारतीय बिना वीज़ा थाईलैंड जा सकते हैं.
थाईलैंड की सरकार ने अपनी इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, और इसका फायदा भारतीय और ताइवान के नागरिकों को होगा। थाईलैंड सरकार ने भारत और ताइवान के नागरिकों के लिए वीजा मुक्त प्रवेश का ऐलान किया है। इसके तहत, भारतीय नागरिक 10 नवंबर, 2023 से 10 मई, 2024 तक बिना वीजा के थाईलैंड जा सकेंगे और 30 दिनों तक वहां रह सकेंगे। यह फैसला टूरिज्म सीजन के आगाज से पहले लिया गया है, जिससे थाईलैंड को अधिक पर्यटकों के आने की आशा है।
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थाई सरकार के प्रवक्ता चाई वाचरोन्के ने इस योजना से 14 लाख अतिरिक्त पर्यटकों के आने की उम्मीद जताई है। इससे अतिरिक्त 1.5 बिलियन डॉलर, यानी करीब 12 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त रेवेन्यू उत्पन्न होगा। थाईलैंड के प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन ने भी इस निर्णय का समर्थन किया और कहा, “हम भारत और ताइवान के नागरिकों को वीजा-फ्री एंट्री देंगे क्योंकि उनके बहुत से लोग थाईलैंड की यात्रा करना पसंद करते हैं।”
इससे पहले, भारतीय और ताइवानी पर्यटकों को इमिग्रेशन चेकपॉइंट पर 15 दिनों के वीजा ऑन अराइवल के लिए आवेदन करना पड़ता था, लेकिन अब यह आसानी से थाईलैंड जा सकेंगे। सितंबर में, थाईलैंड ने चीनी नागरिकों के लिए भी वीजा मुक्त प्रवेश की घोषणा की थी। वर्ष 2019 में, सबसे ज्यादा पर्यटक थाईलैंड आए थे, और उनमें से 1.1 करोड़ पर्यटक चीनी थे।
जनवरी से अक्टूबर तक, 2.2 करोड़ पर्यटक थाईलैंड आए थे, और इसके परिणामस्वरूप थाईलैंड को $25.67 बिलियन यानी करीब 2.1 लाख करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिला। इसमें लगभग दस लाख रूसी पर्यटक थे। वहीं, जनवरी से सितंबर के बीच 12 लाख भारतीय नागरिकों ने थाईलैंड की यात्रा की। इससे थाईलैंडके टूरिज्म सेक्टर में बढ़ोतरी की उम्मीद है। यहां तक कि भारतीय पर्यटकों की संख्या में थाईलैंड का चौथा सबसे बड़ा योगदानकर्ता हो गया है, जो कोविड-19 महामारी के बाद उभरने का प्रयास कर रहा है।
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थाईलैंड का टूरिज्म सेक्टर कुल GDP में लगभग 20% का योगदान करता है, लेकिन कोविड-19 महामारी के बाद से इसे संघर्ष करना पड़ा है। इसके साथ ही, श्रीलंका का टूरिज्म सेक्टर भी कोविड के प्रभाव से गुजर रहा है, और इसके उपाय के रूप में श्रीलंका ने भारत और चीन सहित सात अन्य देशों के लिए 31 मार्च 2024 तक वीजा मुक्त प्रवेश की घोषणा की है।
भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार, विदेश यात्रा करने वाले भारतीयों की संख्या 2011 में 1.4 करोड़ से बढ़कर 2019 में 2.7 करोड़ तक पहुंच गई थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण टूरिज्म सेक्टर दो साल तक ठप हो गया। 2022 में यह संख्या फिर से 2.1 करोड़ हो गई है।
इसके अलावा, भारतीय नागरिकों के लिए वीजा मुक्त प्रवेश की सुविधा कई अन्य देशों में भी उपलब्ध है, जैसे कि भूटान, नेपाल, ओमान, कतर, ट्यूनीशिया, मॉरीशस, और अन्य। यह सर्कारों के बीच सहयोग के माध्यम से यात्रा के बढ़ते मानदंड को सुनिश्चित करने का एक प्रमुख उपाय है, जो वित्तीय और पर्यावरणीय लाभ के साथ-साथ सूरज की तरह जीवन को और बेहतर बना सकता है।
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