Israel-Palestine War: हिज़बुल्लाह क्या है, जो इसराइल के ख़िलाफ़ लड़ाई में हमास के साथ खड़ा है
हिज़बुल्लाह: एक परिचय
हिज़बुल्लाह लेबनान में ईरान से समर्थन प्राप्त शिया इस्लामी राजनीतिक पार्टी और अर्द्धसैनिक संगठन है। वर्ष 1992 से इसकी अगुवाई हसन नसरुल्लाह कर रहे हैं, और इसका नाम ‘अल्लाह का दल’ के मायने में है।
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उत्थान और विकास
1980 के दशक की शुरुआत में लेबनान पर इसराइली कब्ज़ें के दौरान हिज़बुल्लाह ईरान से वित्तीय और सैन्य सहायता प्राप्त करके उदय हुआ, जिससे यह दक्षिणी लेबनान में पारंपरिक रूप से कमज़ोर शिया समुदाय की रक्षा करने वाली ताकत बनी। इसकी वैचारिक जड़ें 1960 और 1970 के दशक में लेबनान में शिया पुनरुत्थान की दिशा में जाती हैं।
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इतिहास का पन्ना: 2000 और आगे
वर्ष 2000 में इसराइल के पीछे हटने के बाद, हिज़बुल्लाह ने अपनी सैन्य टुकड़ी को इस्लामिक रेज़िस्टेंस को मज़बूत करने के लिए मजबूत रखा। इस समय से लेकर, हिज़बुल्लाह ने लेबनान की राजनीतिक व्यवस्था में अपनी वफ़ादारी के बल पर इतना प्रभाव डाला कि इसने देश की कैबिनेट में वीटो शक्ति प्राप्त की।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा और आरोप
हिज़बुल्लाह पर वर्षों से इसराइली और अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए बमबारी और षड्यंत्र रचने का आरोप लगता रहा है। पश्चिमी देश, इसराइल, अरब खाड़ी देशों और अरब लीग हिज़बुल्लाह को ‘आतंकवादी’ संगठन मानते हैं।
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सीरिया के संघर्ष में योगदान
वर्ष 2011 में जब सीरिया में गृह युद्ध शुरू हुआ, तो हिज़बुल्लाह ने सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थकों को बढ़ावा दिया और अपने चरमपंथियों को उनके साथ लड़ने के लिए भेजा। इसके परिणामस्वरूप, इसने विद्रोहियों के कब्ज़े में जाने वाले हिस्सों, खासतौर पर पहाड़ी लेबनानी सीमा के पास वाले इलाकों को वापस पाने में महत्वपूर्ण योगदान किया।
आंतरराष्ट्रीय चुनौतियां
हिज़बुल्लाह और इसराइल के बीच आक्सर सीरिया में ईरान और हिज़बुल्ला से जुड़े ठिकानों पर हमले होते हैं, जबकि कभी-कभी हमले की बात कबूलता है। हालांकि, सीरिया में हिज़बुल्लाह की भूमिका को लेकर लेबनान के कुछ गुटों में तनाव बढ़ गया है।
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आंतरराष्ट्रीय संघर्ष और योगदान
सीरियाई शिया राष्ट्रपति के समर्थन और ईरान के साथ मज़बूत संबंधों के कारण हिज़बुल्लाह ने अरब खाड़ी देशों के नेतृत्व में अरब खाड़ी देशों से भी गहरी दुश्मनी बढ़ा दी है।
समय की रफ़्तार: 2023
सात अक्टूबर 2023 को हमास के इसराइल पर अचानक किए हमले के बाद हिज़बुल्लाह और इसराइल के बीच भी गोलीबारी हुई। हमास के हमले में कम से कम 1400 इसराइलियों की मौत हुई, और इसराइल ने जवाबी हमलों में हज़ारों लोगों की जान गवाई। हिज़बुल्लाह ने इसराइल के ख़िलाफ़ जंग में योगदान करने के लिए ‘पूरा तैयार’ होने का दावा किया।
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समृद्धि और आलोचना
हिज़बुल्लाह के सैन्य, सुरक्षा, और राजनीति के क्षेत्र में प्रभाव और सामाजिक सेवा के बल पर इसने अपनी छवि को एक अलग देश के तौर पर बनाई है। हालांकि, कुछ लेबनानी हिज़बुल्लाह को अपने देश की स्थिरता के लिए ख़तरा मानते हैं, लेकिन यह संगठन शिया समुदाय के बीच में बहुत लोकप्रिय है।
इसरे को मिटाने के लिए नायक के रूप में देखा जाता है। हिज़बुल्लाह ने अपने व्यापक योगदान के साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सीरिया में गृह युद्ध के संघर्ष के बीच एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और इसके संघर्षों का परिणाम बड़े प्रभावशाली होते हैं।
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