Israel News: अब बदला लेने के लिए कोई भी कीमत चुका सकता हैं इस्राइल, पड़ोसी देश भी होंगे शामिल
इस्राइल के नित्यदेव बिनेत नेतन्याहू ने अपने सैनिकों को गाजा में घुसकर जमीनी सैन्य कार्रवाई करने से हमेशा रोका है, लेकिन इस बार इस्राइली टैंक गाजा में घुसते देखे जा रहे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा अध्ययन के इस्राइली संस्थान में शोधकर्ता मार्क हेलर के अनुसार, इस बार वजह अलग है, इस्राइली नागरिकों पर हमले का जो मनोवैज्ञानिक असर हुआ है, उसे देखते हुए वे कोई भी कीमत चुका सकते हैं।

गाजा, पलेस्टाइन के प्रांत में हो रहे इस्राइली हमले का सिर्फ आलासक ही नहीं, बल्कि पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में गहरे संवाद की ओर इंगीत कर रहा है। इस्राइली सरकार द्वारा अपने नागरिकों पर हो रहे हमले के पीछे एक नया सियासी संवाद का अभिवादन किया जा रहा है।
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हिजबुल्ला और इस्राइल: एक नया युद्ध का खतरा
इस्राइल को आतंकी संगठन हिजबुल्ला से सचेत रहना होगा। 2006 की तरह वह उत्तरी इस्राइल में एक नया युद्ध मोर्चा खोल सकता है। उसे इस्राइल के कट्टर दुश्मन ईरान का समर्थन व सहयोग है, जिससे वह खतरा उठता है।
हिजबुल्ला, लेबनान से उत्तरी इस्राइल की सीमा पर स्थित एक शक्तिशाली आतंकी संगठन है और यह संगठन ईरान के समर्थन और सहयोग से बढ़ता है। इस्राइल के लिए इसका मौजूद होना एक बड़ा सुरक्षा खतरा है। वे इस नए संवाद में एक नये युद्ध का खतरा देख रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनकी सुरक्षा पर खतरा पैदा हो सकता है।
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इस्राइल के संघर्ष: युद्ध में विपक्ष सरकार के साथ
इस्राइल में न्यायिक सुधार कानूनों का विरोध करने वाले समूह ने हमले के बाद प्रदर्शन रोककर अपने दफ्तर नागरिकों को शरण देने के लिए खोल दिए हैं।
इस्राइल के संविदान में न्यायिक सुधार के खिलाफ होने वाले समूहों ने इस हमले के बाद सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए हैं और न्यायिक सुधार कानूनों का विरोध किया है। इसके परिणामस्वरूप
इस्राइल में राजनीतिक स्थिति में एक संवाद की ओर इंगीत हो रहा है जिसमें सरकार के साथ विपक्षी समूहों की भागीदारी का सवाल है।
अरब देशों से संबंध: हमास को मंजूर नहीं
हमास ने हमले को लेकर कुछ नहीं कहा, लेकिन इसकी कई वजहें मानी जा रही हैं। सबसे अहम अरब देशों से इस्राइल के सामान्य होते ताल्लुकात हैं।
इस्राइल के औपचारिक गैर मान्यता के बावजूद अरब देशों के साथ संबंधों में बदलाव देखा जा रहा है। इस्राइल की बदलती संबंधों की एक संकेत है सऊदी अरब, जो सऊदी अरब और अमेरिका के बीच सुरक्षा समझौते की ओर बढ़ रहा है। इसके परिणामस्वरूप, अमेरिका चाहता है कि सऊदी अरब और इस्राइल के संबंध सामान्य हों, जो इस हमले के संवाद की एक ओर दिशा हो सकती है।
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बड़ा सवाल: इस्राइली बंधकों का क्या होगा?
तर्क सामने आ रहे हैं कि हमास बंधकों के बदले अपने उन आतंकियों की रिहाई करवाएगा, जो इस्राइल के कब्जे में हैं।
इस्राइली बंधकों के बदले में हमास से मांग करने की ओर इंगीत किया जा रहा है, जो इस्राइल के संघर्ष के दौरान उनके कब्जे में हैं। यह समझाता है कि इस्राइल को अपने नागरिकों की सुरक्षा और स्वर्गीयता के प्रति खतरा हो सकता है, और वह इसे निष्क्रिय नहीं छोड़ेगा।
इस हमले और उसके परिणामों के बारे में जो कि आगामी दिनों में प्रकट हो सकते हैं, समूहों के बीच गहरा संवाद और तनाव की ओर इंगीत कर रहे हैं। इस प्रकरण में सुरक्षा, सियासी और मानसिक पहलुओं का ध्यान देना महत्वपूर्ण होगा, ताकि दुनिया की शांति और स्थिरता की दिशा में कोई अच्छा निष्कर्ष निकल सके।
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