Karwa Chauth Vrat: पूजा का शुभ मुहूर्त और चांद निकलने का समय जानने से पहले, जानिए क्या है जरुरी नियम

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Karwa Chauth Vrat: पूजा का शुभ मुहूर्त और चांद निकलने का समय जानने से पहले, जानिए क्या है जरुरी नियम

नर्मदापुरम, 1 नवंबर 2023: बहुत जल्द ही सुहागिनों का इंतजार खत्म होने वाला है, क्योंकि करवा चौथ व्रत सुहागिनों को पूरे साल बड़ी ही बेसब्री से इंतजार होता है। करवा चौथ व्रत सुहागिनों के लिए बहुत खास होता है और इसे हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व के रूप में मनाया जाता है।

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Karwa Chauth Vrat: पूजा का शुभ मुहूर्त और चांद निकलने का समय जानने से पहले, जानिए क्या है जरुरी नियम
Karwa Chauth Vrat: पूजा का शुभ मुहूर्त और चांद निकलने का समय जानने से पहले, जानिए क्या है जरुरी नियम

करवा चौथ का महत्व
पं. ज्योतिषाचार्य भालचंद खड्डर ने बताया कि हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ व्रत रखा जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती और कार्तिकेय के साथ भगवान गणेश की पूजा करती हैं। सोहागिन महिलाएं इस व्रत को चंद्र दर्शन और अर्घ्य देने के बाद पारण करती हैं। करवा चौथ का व्रत कठिन व्रतों में से एक माना जाता है और इसे बिना अन्न और जल ग्रहण किए सूर्योदय से चंद्र दर्शन तक किया जाता है।

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व्रत का आयोजन
व्रत की शुरुआत सूर्य उदय से पहले स्नान करके की जाती है, इसके बाद घर में मंदिर की सफ-सफाई की जाती है और दीपक जलाए जाते हैं। इसके साथ ही देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाती है। फिर निर्जला व्रत का संकल्प लिया जाता है। इस पावन दिन पूजा करने का सबसे उचित समय संध्या काल होता है, जो की सूर्यास्त के बाद शुरू होता है।

व्रत के नियम और महत्वपूर्ण सुझाव
शास्त्रों के अनुसार करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं सफेद रंग के वस्त्र धारण नहीं करती हैं, क्योंकि सफेद रंग सौम्यता और शांति का प्रतीक होता है। इसके साथ ही करवा चौथ व्रत में काले रंग के वस्त्र भी धारण नहीं किए जाते हैं, क्योंकि हिंदू धर्म में शुभ कार्य के दौरान काला रंग पहनने की मनाही होती है। सुहागिनों को मान्यता के अनुसार सिर्फ मंगलसूत्र के अलावा काले दाने के अलावा किसीका प्रयोग नहीं करना चाहिए।

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पूजा का मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य के अनुसार चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर को रात 09:30 पर प्रारंभ होगी और 01 नवंबर को रात 09:19 मिनट पर समाप्त होगी। करवा चौथ पूजा मुहूर्त 01 नवंबर को शाम को सूरज ढलने के बाद से प्रारंभ होगा और शाम चाँद निकलने से पहले 8:00 तक रहेगा।

करवा चौथ व्रत का महत्वपूर्ण समय संध्या 06:30 से शाम 08:10 तक है और चंद्रोदय रात 08:10 पर होगा।

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करवा चौथ व्रत को सही ढंग से मनाने से सुहागिन महिलाएं अपने पतियों के साथ खुशहाल और आरोग्यमय जीवन की कामना करती हैं। यह पर्व मान-सम्मान और परिवार के बंधन को मजबूती से जोड़ता है और साथ ही समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति का अवसर प्रदान करता है। इसलिए, सुहागिन महिलाएं इस व्रत को समर्पित दिल से मनाती हैं।

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