उत्तराखंड प्रवासी यात्रा पंजीकरण/ माइग्रेंट्स ऑनलाइन फॉर्म smartcitydehradun.uk.gov.in

उत्तराखंड प्रवासी यात्रा पंजीकरण/ माइग्रेंट्स ऑनलाइन पंजीकरण फॉर्म 2020-21 Uttarakhand Pravasi Yatra Panjikaran Migrants Online Registration Form at smartcitydehradun.uk.gov.in Link, Eligibility, Documents

अकस्मात तालाबंदी की वजह से बहुत सारे उत्तराखंड के प्रवासी पूरे देश में कई सारे राज्यों में फंसे हुए हैं। ऐसे में उनकी समस्याओं का अंदाजा लगाना तो मुश्किल है परंतु उनकी सहायता के लिए उत्तराखंड सरकार अब आगे आ रही है। उन्होंने एक पंजीकरण पोर्टल जारी किया है जिसके तहत दूसरे राज्यों में फंसे कामगार छात्र पर्यटक और अन्य नागरिकों को वापस उत्तराखंड बुलाने का काम आरंभ किया जाएगा। आइए जान लेते हैं कि किस तरह से इस पोर्टल में पंजीकरण कराकर उत्तराखंड के निवासी वापस अपने निवास स्थल पर पहुंच सकते हैं।

Uttarakhand Pravasi Yatra Panjikaran

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प्रवासियों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कौन करवा सकता हैं

उत्तराखंड राज्य के मूल निवासी जो भी दूसरे राज्यों में फंस गए हैं उन्हें एक पंजीकरण फॉर्म भरना होगा जो सरकार द्वारा जारी किया गया है। इस आवेदन वेबसाइट पोर्टल के फॉर्म का लिंक नीचे दिया गया है जिस पर आप क्लिक कर सकते हैं।

इसके अलावा दूसरे राज्यों में फंसे हुए प्रवासी दिए गए फोन नंबर पर भी कॉल कर सकते हैं और अपना संपूर्ण विवरण दर्ज करा सकते हैं । साथ ही एसडीआरएफ/ पुलिस लाइन कंट्रोल रूम में भी संपर्क करके वे अपना पंजीकरण दर्ज करा सकते हैं। तो चलिए जान लेते हैं ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही प्रकार से प्रवासी किस तरह से अपना पंजीकरण जल्द से जल्द करा कर अपने निवास स्थान पर वापस लौट सकते हैं:-

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उत्तराखंड कोविड-19 प्रवासी यात्रा पंजीकरण फॉर्म 2020

उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी की गई कोविड-19 की इस पोर्टल के जरिए प्रवासी निम्नलिखित चरणों के द्वारा अपना पंजीकरण करा पाएंगे:-

  • पंजीकरण कराने हेतु सबसे पहले उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी की गई ऑफिशल वेबसाइट smartcitydehonto.uk.gov.in पर क्लिक करें।
  • होम पेज खुलते ही आपको उस पर सबसे ऊपर बटन ‘प्रवासी यात्रा पंजीकरण कोविड-19’ दिखाई देगा जिस पर आपको क्लिक करना होगा।
  • या फिर नीचे दिए गए लिंक पर सीधे ही आप क्लिक करके होम पेज पर पहुंच सकते हैं।
  • इस लिंक पर क्लिक करते ही आपको कोविड-19 प्रवासी ऑनलाइन पंजीकरण फॉर्म सामने दिखाई देगा।
  • इस फॉर्म में प्रवासी व्यक्तियों को अपने वर्तमान स्थान जहां पर वह इस वक्त मौजूद है, के साथ-साथ अपनी संपूर्ण व्यक्तिगत जानकारी भी उस फॉर्म में भरनी होगी।
  • आपके द्वारा भरी गई प्रत्येक जानकारी सही होनी चाहिए जिसके पूरे सत्यापन के बाद यदि कोई जानकारी गलत पाई जाती है तो आपके ऊपर महामारी अथवा आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा सकती है।

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कैसे पहुंचेंगे प्रवासी अपने घर उत्तराखंड?

  1. जो प्रवासी उत्तराखंड वेबसाइट पोर्टल के तहत अपना आवेदन भरेंगे उनके पूरे भरे हुए आवेदन की जांच की जाएगी। यदि वह दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं, तो उत्तराखंड सरकार द्वारा नियुक्त किए गए केंद्र के नोडल अधिकारी अन्य राज्यों की सरकारों के नोडल अधिकारियों के साथ में मिलकर उन प्रवासियों को उत्तराखंड वापस लाने के लिए बसों की व्यवस्था करेंगे। उन प्रवासियों को किस प्रकार वषों में लेकर जाना है और किस समय पर उनकी बस वहां से रवाना होगी इस बात की पूरी जानकारी नोडल अधिकारियों द्वारा रखी जाएगी।
  • नोडल अधिकारियों द्वारा इस बात की भी पुष्टि की जाएगी के कितने व्यक्तियों को वह एक साथ बस में भेज रहे हैं और साथ ही बसों की संख्या कितनी होने वाली है। नोडल अधिकारियों द्वारा यह भी निर्धारित किया जाएगा कि वह सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए बसों में जा रहे हैं या नहीं। साथ ही आवेदन कर्ताओं को बसों में बिठाने से पहले यह पुष्टि की जाएगी कि वे उत्तराखंड के किस क्षेत्र में प्रस्थान करने वाले हैं। इन सब के साथ ही बस में बैठाने से पहले यह भी जांच की जाएगी कि किसी प्रवासी को बुखार या कोविड-19 के अन्य लक्षण ना हो।
  • केवल उन प्रवासियों को ही इन बसों के जरिए उत्तराखंड पहुंचाया जाएगा जो पूरी तरह से स्वस्थ होंगे। केवल उन्हीं लोगों को उत्तराखंड में उनके मूल निवास तक पहुंचाने का काम नोडल अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। प्रत्येक प्रवासी के संपूर्ण निरीक्षण के लिए उन्हें उत्तराखंड पहुंचने के बाद भी लगभग 14 दिन तक क्वॉरेंटाइन में रखा जाएगा ताकि उनमें किसी भी लक्षण के पैदा होने की संभावना हो तो उसका इलाज पहले ही कर लिया जाए।

उत्तराखंड सरकार के इस महत्वपूर्ण कदम के जरिए प्रवासियों को अपने निवास स्थान तक पहुंचने में सहायता भी मिलेगी। और साथ ही अन्य सभी समस्याएं शीघ्र ही खत्म हो जाएंगी। उन्हें सीधे ही उनके घर तक ना पहुंचा कर सरकार सिर्फ इतना ही करना चाहती है कि यदि कोई प्रवासी कोविड-19 से पीड़ित हो तो उसका पता पहले ही लग जाए ताकि वह अपने परिवार जनों को इस महामारी से संक्रमित ना कर सके।

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