मुफ्त राशन ('फ्री राशन योजना') सितंबर महीने के बाद बंद किया जा सकता है और कोई टैक्स राहत भी नहीं देने की अपील की है।
वित्त मंत्रालय का मानना है कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो यह राजकोषीय घाटे को बढ़ाएगी।
देश के करीब 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में राशन उपलब्ध कराया जा रहा है।
बजट में फूड सब्सिडी के लिए 2.07 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया था।
फूड सब्सिडी का बिल 80 हजार करोड़ रुपये बढ़कर करीब 3.7 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है।
सरकार की वित्तीय सेहत के लिए सही नहीं होगा।
सरकार को राजकोषीय घाटा कम करने के लिए नीतिगत कदम उठाने का सुझाव दिया है।
चालू वित्त वर्ष में केंद्र का घाटा 6.7 प्रतिशत और राज्यों का 3.5 प्रतिशत रह सकता है।
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